यह भी पढ़ें- नींद नहीं हो रही पूरी तो हो सकती हैं ये बीमारियां
डरावना सपना देखना कोई बीमारी नहीं है, लेकिन जब यह बार-बार हो, दिनभर काम करने की क्षमता कम करे, दिमाग में उसकी यादें बनी रहें या व्यक्ति सोने से ही डरने लगे, तब इसे नाइटमेयर डिसऑर्डर माना जाता है. ऐसे लोगों में अक्सर थकान, चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, याददाश्त में कमी और बुरे सपनों का लगातार डर देखने को मिलता है. बच्चों में यह समस्या होने पर माता-पिता की नींद भी प्रभावित होती है.
रात में एंजायटी और स्ट्रेस की वजह से भी बुरे सपने आते हैं.
रात में बार-बार बुरे सपने क्यों आते हैं? जानें कारण और समाधान
पूरी रात सपने क्यों आते हैं, इसके बारे में कई सिद्धांत हैं, लेकिन कोई भी निश्चित रूप से नहीं जानता। कुछ शोधकर्ताओं का ऐसा कहना है कि सपनों का कोई उद्देश्य या अर्थ नहीं होता है। जबकि दूसरे कहते हैं कि हमें अपने मानसिक, भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सपनों की ज़रूरत है। तो सपने क्यों आते हैं? क्या यह इसका जवाब get more info हो सकता है।
रात में सोते समय अक्सर डरावने सपने आते हैं.
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रिलैक्सेशन तकनीक: एक्सपर्ट के अनुसार बिस्तर पर जाने से पहले तनाव के स्तर को प्रबंधित करने के लिए मेडिटेशन, डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, मसल्स रिलैक्सेशन का अभ्यास करें। इस प्रकार आपका दिमाग रिलैक्स रहता है और आपको बुरे सपने नहीं आते।
Well, essentially the most cherished elements from the show were Anupamaa and Anuj Kapadia’s really like story, Anupamaa’s strong dialogues on Women of all ages’s independence and flexibility in addition to highlighting concerns and mentioning the value of possessing strong unity in interactions and while in the family at the same time.
Ashiwini Naik averred, “Anupamaa is genuinely an excellent exhibit and there was great authenticity which I completely savored.”